Friends,The new set of Raj Comics has been released and is now available in the Online Store. We apologise for the delay in making it available Online. To partly compensate for the delay we are releasing four of the Raj 20 Comics exclusively as eComics.YoursManish Gupta
BEDI AUR BODIFormat: PrintedIssue No: SPCL-2456-HLanguage: HindiAuthor: Sushant PandaPenciler: Sushant PandaInker: Sushant PandaColorist: Sushant PandaPages: 64स्वर्ग में देवराज इंद्र के दरबार में छिड़ गई बहस कि बांकेलाल एक दुष्ट मानव है या एक नेक मानव है| इस बहस का हिस्सा बन गए बेदी जी भी| सभी देवता दो दलों मे विभाजित हो गए जो बेदी जी से पूछने लगे कि उनकी राय में किसे विशालगढ़ का राजा बनना चाहिए| बेदी जी देवताओं के इस विवाद मे बुरी तरह फंस गए| तभी नारद जी ने आ कर सूचना दी कि एक दैवीय योग के कारण अब बांकेलाल का राजा बनना निश्चित हो गया है| तब बेदी जी शिव कि कृपा से चमत्कारी शरीर ले कर जा पहुंचे विशालगढ़ बन कर बांकेलाल के चाचा बनाने के लिए उसे विशालगढ़ का राजा|
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LAKSHYA PURUSH
LAKSHYA PURUSHFormat: PrintedIssue No: SPCL-2454-HLanguage: HindiAuthor: Sanjay Gupta,Tarun Kumar WahiPenciler: Studio ImageInker: Sagar ThapaColorist: SunilPages: 48गुरु को पहुंची चोट का दर्द वही समझ सकता है जिसने अपने गुरु को अपना खुदा माना हो| जिसने गुरु को खुदा माना हो वही उसकी शिक्षा को इबादत समझ कर बंद आँखों से लक्ष्य को बेधना सीख सकता है और ऐसे लक्ष्य बेधक डोगा के गुरु काली को किसी ने गोली मार दी है और कहा यह जा रहा है कि गुरु काली ने आत्महत्या कर ली है| अजब चक्रव्यूह है| वो काली चाचा जो गोलियों कि बारिश में से बिना किसी आड़ लिए बच निकल जाए| आखिर ऐसा कौन सूरमा आ गया जिसने उस धुरंधर को गोली मार दी| इस पर विश्वाश ना करें तो इस पर कैसे विश्वाश करें कि लाखों को आत्मविश्वाश का पाठ पढाने वाला, डोगा जैसे ज्वालामुखी के ईंधन का एक स्त्रोत्र आत्महत्या कर सकता है| असंभव है यह| गूढ़ पहेली है| और इसी पहेली को बूझने में फंसा हुआ है डोगा|
NAGRAJ HAI NAFormat: PrintedIssue No: SPCL-2455-HLanguage: HindiAuthor: Anupam Sinha,Jolly SinhaPenciler: Anupam SinhaInker: Sagar Thapa, Gaurav ShrivastavaColorist: SunilPages: 64महानगर को मिली है मेट्रो गेम्स की मेजबानी लेकिन कोई दुश्मन उन्हें असफल करने को प्रतिज्ञाबद्ध हो गया है और प्रसाशन उसे काबू करने में असफल साबित हो रहा है| देश की इज्जत भी दांव पर है साथ ही देशवासी भी त्रस्त हैं| ऐसे में नागराज ने देश की इज्जत और देशवासियों की समस्याओं की पतवार अपने हाथ मे संभाल ली यह कह कर कि नागराज है ना| इस महा खेल में शामिल हो गए हैं ऐसे अभ्यस्त खिलाड़ी जोकि नागराज जैसे महानायक के भी नाकों चने चबवा सकते हैं.
There are four more comics released with this set which are Dijest comics of Nagraj, Bankelal, Dhruv, aur Doga.
Friends,The new set of Raj Comics has been released and is now available in the Online Store. We apologise for the delay in making it available Online. To partly compensate for the delay we are releasing four of the Raj 20 Comics exclusively as eComics.YoursManish Gupta
BEDI AUR BODI Format: Printed Issue No: SPCL-2456-H Language: Hindi Author: Sushant Panda Penciler: Sushant Panda Inker: Sushant Panda Colorist: Sushant Panda Pages: 64 स्वर्ग में देवराज इंद्र के दरबार में छिड़ गई बहस कि बांकेलाल एक दुष्ट मानव है या एक नेक मानव है| इस बहस का हिस्सा बन गए बेदी जी भी| सभी देवता दो दलों मे विभाजित हो गए जो बेदी जी से पूछने लगे कि उनकी राय में किसे विशालगढ़ का राजा बनना चाहिए| बेदी जी देवताओं के इस विवाद मे बुरी तरह फंस गए| तभी नारद जी ने आ कर सूचना दी कि एक दैवीय योग के कारण अब बांकेलाल का राजा बनना निश्चित हो गया है| तब बेदी जी शिव कि कृपा से चमत्कारी शरीर ले कर जा पहुंचे विशालगढ़ बन कर बांकेलाल के चाचा बनाने के लिए उसे विशालगढ़ का राजा| CLICK HERE TO DOWNLOAD BEDI AUR BODI LAKSHYA PURUSH |
LAKSHYA PURUSH Format: Printed Issue No: SPCL-2454-H Language: Hindi Author: Sanjay Gupta,Tarun Kumar Wahi Penciler: Studio Image Inker: Sagar Thapa Colorist: Sunil Pages: 48 गुरु को पहुंची चोट का दर्द वही समझ सकता है जिसने अपने गुरु को अपना खुदा माना हो| जिसने गुरु को खुदा माना हो वही उसकी शिक्षा को इबादत समझ कर बंद आँखों से लक्ष्य को बेधना सीख सकता है और ऐसे लक्ष्य बेधक डोगा के गुरु काली को किसी ने गोली मार दी है और कहा यह जा रहा है कि गुरु काली ने आत्महत्या कर ली है| अजब चक्रव्यूह है| वो काली चाचा जो गोलियों कि बारिश में से बिना किसी आड़ लिए बच निकल जाए| आखिर ऐसा कौन सूरमा आ गया जिसने उस धुरंधर को गोली मार दी| इस पर विश्वाश ना करें तो इस पर कैसे विश्वाश करें कि लाखों को आत्मविश्वाश का पाठ पढाने वाला, डोगा जैसे ज्वालामुखी के ईंधन का एक स्त्रोत्र आत्महत्या कर सकता है| असंभव है यह| गूढ़ पहेली है| और इसी पहेली को बूझने में फंसा हुआ है डोगा| |
NAGRAJ HAI NA Format: Printed Issue No: SPCL-2455-H Language: Hindi Author: Anupam Sinha,Jolly Sinha Penciler: Anupam Sinha Inker: Sagar Thapa, Gaurav Shrivastava Colorist: Sunil Pages: 64 महानगर को मिली है मेट्रो गेम्स की मेजबानी लेकिन कोई दुश्मन उन्हें असफल करने को प्रतिज्ञाबद्ध हो गया है और प्रसाशन उसे काबू करने में असफल साबित हो रहा है| देश की इज्जत भी दांव पर है साथ ही देशवासी भी त्रस्त हैं| ऐसे में नागराज ने देश की इज्जत और देशवासियों की समस्याओं की पतवार अपने हाथ मे संभाल ली यह कह कर कि नागराज है ना| इस महा खेल में शामिल हो गए हैं ऐसे अभ्यस्त खिलाड़ी जोकि नागराज जैसे महानायक के भी नाकों चने चबवा सकते हैं. |
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